Monday, July 5, 2010

प्रतिशोध

राजनीतिकारों पर और देश के गद्दारों पर
साठ साल किया हुआ शोध बाँट रहा हूँ
गाँव के चौबारों में और दिल्ली के गलियारों में
आम आदमी का प्रतिशोध बाँट रहा हूँ
कुर्सी की आग में जलेंगे सारे एक दिन
इसीलिए लोगों में विरोध बाँट रहा हूँ
जानता हूँ फर्क न पड़ेगा कोई फिर भी
हिजड़ों के गाँव में निरोध बाँट रहा हूँ
- सतीश राय
लेखक मेरे घनिष्ठ पत्रकार मित्र हैं.

1 comment:

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

मन के आक्रोश को बखूबी दिखाया है...