आज मेरे मोबाइल पर एक सन्देश आया, जिसे पढ़कर मुझे केवल दुःख ही नहीं, बल्कि अफ़सोस भी हुआ है। अब यही सन्देश मैं आपलोगों से भी साझा करना चाहता हूँ। साथ ही यह भी चाहूँगा की आप इस सम्बन्ध में अपनी बहुमूल्य टिपण्णी जरूर दें।
किसी गरीब को २० रुपये देना बहुत ज्यादा लगता है। वहीँ अगर होटल में टिप देना हो तो यही राशि बेहद कम लगती है। तीन मिनट के लिए भगवान् को याद करना काफी मुश्किल है, लेकिन तीन घंटे की फिल्म देखना आसान होता है। पूरे दिन मेहनत के बाद जिम जाने से नहीं थकते, लेकिन जब माँ-बाप के पैर दबाना हो तो हम थक जाते हैं। वेलेंटाइन डे के लिए हम पूरे साल इंतज़ार करते हैं, लेकिन मदर्स डे कब है, हमें पता ही नहीं होता।
किसी गरीब को २० रुपये देना बहुत ज्यादा लगता है। वहीँ अगर होटल में टिप देना हो तो यही राशि बेहद कम लगती है। तीन मिनट के लिए भगवान् को याद करना काफी मुश्किल है, लेकिन तीन घंटे की फिल्म देखना आसान होता है। पूरे दिन मेहनत के बाद जिम जाने से नहीं थकते, लेकिन जब माँ-बाप के पैर दबाना हो तो हम थक जाते हैं। वेलेंटाइन डे के लिए हम पूरे साल इंतज़ार करते हैं, लेकिन मदर्स डे कब है, हमें पता ही नहीं होता।
1 comment:
Nidhi Awasthi - lekin ye bahut bada satya hai....... iss mesaage se koi b sudharane wala nahi hai....
shiwangi gupta - बहुँत सही कहा है आपने अभिषेक जी ...
Nidhi Awasthi - abhishek ji................. ha ha ha ha ha
Nidhi Awasthi - itani izzat............ kya baat hai............. jiyo bhai
Ravindra Swapnil Prajapati - yar abhishek ji ..... mabaap bhe to ham hi hote hai .... or hamse pahle be ma baap hamare jese hi to hote hai... hamare bap koi dharmatma nahi hain ki hath per dabane se khush ho jaye ...tumne durbasha ka virtant pado hoga .. ha hah ah ha h
Abhishek Roy - @ Ravindra sir
A family - Father and Mother staying alone in India (having good pension and comfortable financial position) and two sons stay in US.
Mother passes away. Son had to rush India. After the funeral father asks son how other son did not come.
Reply - we discussed, and decided that this time I will come India and next time ( ...for father) other son will come India.
इसपर क्या कहेंगे स्वप्निल सर?
Ravindra Swapnil Prajapati - jesa un mata pita ne apni bhasa or garima ko amerika ke hatho rakh kar beto ko amerika bheja uska fal unko mil raha hai .... koi achche ne kabi nahi kaha ki me amerika jaunga... hamare nalayk mabaap jinme swabiman nahi h.... ye sab kar rahe hai..... koi japani koi israyali ... amerika ya us tarah ke desho ke talbe nahi chatta ve kud ko majboot banana jante hai or ham ......... softwere babugiri karke sochte hai ki ...
shiwangi gupta - yaar...maine to abhishek jii tumhari thought ko le k kaha tha ....par ynha to log kuch or hi samjh baithe,,,,
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